Income Tax and UPI New Rules 2025: भारत में वित्तीय वर्ष की शुरुआत हर साल 1 अप्रैल से होती है, और इस बार यानी 2025 में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का प्रभाव आम आदमी से लेकर पेशेवरों तक हर किसी पर पड़ेगा। इस लेख में हम जानेंगे कि ये बदलाव क्या हैं और इनका आपके वित्तीय जीवन पर क्या असर पड़ेगा।
नए इनकम टैक्स स्लैब के तहत राहत
इस वर्ष के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा नए आयकर स्लैब की घोषणा की गई थी। नए स्लाब के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले करदाताओं को कोई आयकर नहीं देना होगा। यह बदलाव न केवल आयकर की दरों में राहत प्रदान करेगा, बल्कि नौकरीपेशा लोगों के लिए 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी लागू होगा। इस प्रकार, अगर आपकी वार्षिक आय 12.75 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई भी कर नहीं चुकाना पड़ेगा।
बैंकों में न्यूनतम बैलेंस रखने की नई शर्तें
आने वाले वित्तीय वर्ष से बैंकों के न्यूनतम बैलेंस रखने के नियम भी बदलने जा रहे हैं। कई प्रमुख बैंकों जैसे कि SBI और PNB ने यह निर्णय लिया है कि खाता धारकों को अपने खातों में शहरी, अर्द्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से एक निश्चित न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होगा। इसके अलावा, एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा भी महंगी हो जाएगी। ग्राहकों को हर महीने किसी अन्य बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क का सामना करना पड़ेगा, जो कि हर दिन 20 से 25 रुपये के बीच हो सकता है।
जीएसटी में नए नियम: करदाताओं की सुरक्षा का ध्यान
जीएसटी में भी बदलाव होने जा रहा है, जिसमें मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) की सुविधा को लागू किया जाएगा। इससे करदाताओं की सुरक्षा में वृद्धि होगी और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी। इसके साथ ही, ई-वे बिल की नई अवधारणा के अंतर्गत केवल 180 दिनों से पुरानी मूल दस्तावेजों के लिए ही इसे बनाया जा सकेगा। टीडीएस के लिए जीएसटीआर-7 दाखिल करने वाले लोगों को भी समय पर दस्तावेज दाखिल करने का ध्यान रखना होगा।
एकीकृत पेंशन योजना: कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षा
केंद्र सरकार द्वारा जारी नई एकीकृत पेंशन योजना (UPS) 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। यह योजना उन केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभान्वित करेगी, जिन्होंने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की है। इस योजना के तहत, कर्मचारियों को उनके अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन दी जाएगी, जिससे उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद भी वित्तीय स्थिरता मिलेगी।
यूपीआई भुगतान में सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए नियम
यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) ने भारत में भुगतान को तेजी से समाप्त किया है, लेकिन इससे जुड़े सुरक्षा जोखिमों को भी नकारा नहीं जा सकता। एनपीसीआई द्वारा जारी किए गए नए नियम के अनुसार, जो मोबाइल नंबर लंबे समय तक निष्क्रिय रहते हैं, उन्हें यूपीआई से हटाया जाएगा। इससे भुगतान में सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। सभी उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल नंबर को नियमित रूप से अपडेट करना होगा, ताकि उनका यूपीआई भुगतान सुचारू रूप से चलता रहे।
सेबी द्वारा नए निवेश नियम
निवेश संबंधी नियमों में भी बदलाव होने वाले हैं। सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) 1 अप्रैल से विशेष निवेश कोष (SIF) लॉन्च करने जा रहा है, जिसमें न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश होना आवश्यक होगा। इसके अलावा, विभिन्न क्रेडिट कार्ड कंपनियों के रिवॉर्ड पॉइंट स्ट्रक्चर में भी बदलाव होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इन नए नियमों का वित्तीय जगत पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। चाहे वह आयकर से संबंधित राहत हो, पेंशन योजनाओं में सुधार या यूपीआई भुगतान की सुरक्षा, हर व्यक्ति को इससे प्रभावित होने की संभावना है। सही जानकारी और समय पर अपडेट रहना आपके लिए जरूरी होगा, ताकि आप इन बदलावों का अधिकतम लाभ उठा सकें। इन नियमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए नियमित रूप से वित्तीय समाचारों पर नजर रखना न भूलें।