Income Tax Notice: 1 अप्रैल 2025 का दिन भारतीय बैंकिंग और टैक्सिंग सिस्टम में एक नया अध्याय शुरू करेगा। यह दिन न केवल वित्तीय लेन-देन पर नए नियमों का आगाज़ करेगा, बल्कि इससे आम जनता की वित्तीय योजनाएं भी प्रभावित होंगी। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ये बदलाव न केवल आपके बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और डिजिटल लेन-देन को प्रभावित करेंगे, बल्कि ये सभी पहलुओं पर टैक्सेशन की निगरानी को भी बढ़ाएंगे।
नया न्यूनतम बैलेंस नियम
1 अप्रैल 2025 से न्यूनतम बैलेंस के बारे में नियम ज्यादा कठोर हो जाएंगे। शहरी, अर्ध-शहरी, और ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस की अलग-अलग सीमाएं होंगी। शहरी क्षेत्रों के लिए यह सीमा ₹10,000, अर्ध-शहरी के लिए ₹5,000, और ग्रामीण के लिए ₹2,000 होगी। अगर आप इस न्यूनतम राशि को नहीं रखते हैं, तो आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
चेक पेमेंट पर पॉजिटिव पे सिस्टम की अनिवार्यता
पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) अब अनिवार्य किया जाएगा। यदि आप ₹50,000 या उससे अधिक का चेक जारी कर रहे हैं, तो आपको पहले से बैंक को चेक की जानकारी देनी होगी। यह प्रणाली धोखाधड़ी को रोकने और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए लागू की गई है।
फिक्स्ड डिपॉजिट और TDS नियम
फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) की सीमा बढ़ा दी गई है। आम नागरिकों के लिए यह सीमा ₹40,000 से बढ़कर ₹50,000 होगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा बढ़कर ₹1 लाख होगी। इसका मतलब है कि यदि आपकी FD से ब्याज आय इन सीमाओं से अधिक होती है, तो बैंक TDS काट लेगा।
डिजिटल ट्रांजेक्शन से जुड़ी नई सीमाएं
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए नए नियम लागू होंगे। यदि आप UPI माध्यम से या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक महीने में ₹2 लाख से अधिक का लेन-देन करते हैं, तो इसकी सूचना सीधे Income Tax Department को दी जाएगी। यह आंकड़ा पार करने पर आपको अतिरिक्त रिपोर्टिंग का सामना करना पड़ सकता है।
विदेश में पैसे भेजने के नियम
आरबीआई ने लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत कुछ बदलाव किए हैं। शिक्षा और चिकित्सा खर्चों के लिए ₹10 लाख तक भेजने पर कोई TDS नहीं लगेगा, जबकि अन्य खर्चों पर ₹7 लाख तक भेजने पर 5% TDS लागू होगा। यह नियम विदेश में पैसे भेजने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि आप सही श्रेणी का उपयोग कर रहे हैं।
ATM निकासी शुल्क की संभावना में वृद्धि
1 अप्रैल 2025 से ATM से पैसे निकालने के लिए शुल्क में वृद्धि हो सकती है। अगर आप एक महीने में मुफ्त निकासी की सीमा से अधिक निकलाते हैं, तो आपको अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। यह शुल्क आपके बैंक और आपकी स्थिति (शहरी/ग्रामीण) के आधार पर भिन्न हो सकता है।
इनकम टैक्स नोटिस से बचने के उपाय
इन सभी नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, क्योंकि भारत में बैंकिंग लेन-देन पर Income Tax Department की नजर सख्त हो जाएगी। यदि आप कैश डिपॉजिट/निकासी 10 लाख से अधिक करते हैं, या FD में ₹50,000 से अधिक ब्याज आय प्राप्त करते हैं, तो आपको Income Tax Notice मिल सकता है। ऐसे में आपको सावधानियां बरतने की जरूरत है।
- अपने सभी बैंकिंग लेन-देन का रिकॉर्ड रखें।
- कैश डिपॉजिट और निकासी सीमाओं का पालन करें।
- FD ब्याज आय को सही तरीके से रिपोर्ट करें।
- डिजिटल ट्रांजेक्शन करते समय नई सीमाओं का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नियम आपके वित्तीय निर्णयों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेंगे। समय रहते इन बदलावों को समझें और अपने वित्तीय लेन-देन की योजना को इस अनुसार बनाएं। यह केवल आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि टैक्स नोटिस से बचने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आपके मन में कोई प्रश्न है या आप इस विषय में और जानना चाहते हैं, तो टिप्पणी अनुभाग में अपने विचार साझा करें। आपकी सुरक्षा और जानकारी हमारे लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इन नियमों को ध्यान में रखना न भूलें।