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जमीन रजिस्ट्री नियमों में बड़ा बदलाव, खरीदी गई जमीन होगी रद्द, अब ऐसे होगी जमीन रजिस्ट्री Land Registry Rules

Land Registry Rules: जमीन की रजिस्ट्री एक ऐसी प्रक्रिया है जो भारतीय संपत्ति अधिग्रहण के लिए अनिवार्य है। हालांकि, हाल के वर्षों में इस प्रक्रिया में किए गए महत्वपूर्ण बदलावों ने इसे और भी सरलता और सुविधा के साथ जोड़ दिया है। डिजिटलीकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नए नियम लागू किए गए हैं, जो जमीन के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए आदर्श साबित हो रहे हैं। आइए इन बदलावों पर विस्तार से चर्चा करें।

डिजिटल रजिस्ट्रेशन: नया युग

डिजिटल रजिस्ट्रेशन ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में हमेशा के लिए बदलाव ला दिया है। अब रजिस्ट्री से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत होती है बल्कि दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाती है। यह प्रणाली भ्रष्टाचार को कम करने और दलालों के हस्तक्षेप को रोकने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो रही है।

खरीदार और विक्रेता को आधार कार्ड से लिंक किया जाता है, जो बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को सक्षम बनाता है। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है। इसके साथ ही, पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है, जिससे विवादों की स्थिति में साक्ष्य मौजूद रहता है।

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ऑनलाइन भुगतान: सुरक्षित और पारदर्शी

नए नियमों के अंतर्गत रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब ऑनलाइन किया जा सकता है। यह न केवल प्रक्रिया को सुरक्षित बनाता है, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ाता है। ऑनलाइन भुगतान विविध विकल्पों जैसे नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, और UPI के माध्यम से किया जा सकता है।

इस तरह, नकद लेनदेन की आवश्यकता कम होती है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना में कमी आती है। साथ ही, भुगतान का रिकॉर्ड भी ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है, जो कि भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में सहायक साबित होता है।

रजिस्ट्री कैंसिलेशन: सरल और पारदर्शी

पहले, रजिस्ट्री कैंसिल करना एक जटिल कार्य था, लेकिन नए नियमों के तहत यह प्रक्रिया अब सरल हो गई है। अब, रजिस्ट्री कैंसिल करने के लिए एक निश्चित समय सीमा (अधिकतर 90 दिन) निर्धारित की गई है। इस समय के भीतर, अगर खरीदार या विक्रेता कुछ विशेष कारणों से रजिस्ट्री को कैंसिल करना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं।

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इस प्रक्रिया के तहत, व्यक्ति को स्थानीय नगर निगम या तहसील कार्यालय में संपर्क करना होगा, जहां उन्हें संबंधित दस्तावेज और पहचान प्रमाण जमा करने होंगे। कुछ राज्यों में, यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है, जिसे काफी सराहा जा रहा है।

जमीन रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज

जमीन रजिस्ट्री के लिए कुछ मुख्य दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं जैसे:

  • टाइटल डीड: संपत्ति का कानूनी स्वामित्व दर्शाता है।
  • सेल डीड: खरीद-बिक्री का अनुबंध।
  • कर रसीदें: संपत्ति कर के भुगतान का प्रमाण।
  • आधार कार्ड: खरीदार एवं विक्रेता दोनों का आधार कार्ड।
  • पैन कार्ड: आयकर पहचान पत्र।
  • फोटो पहचान पत्र: जैसे वोटर आईडी, पासपोर्ट।

ये सभी दस्तावेज़ अब ऑनलाइन अपलोड किए जा सकते हैं, जो प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाता है।

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स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस

जमीन रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान अत्यावश्यक है। ये शुल्क संपत्ति के मूल्य के आधार पर निर्धारित होते हैं:

  • 20 लाख तक: 2%
  • 21 लाख से 45 लाख: 3%
  • 45 लाख से अधिक: 5%

रजिस्ट्रेशन फीस आमतौर पर संपत्ति के मूल्य का 1% होती है। इसके अतिरिक्त, कुछ राज्य अपने अनुसार सेस और सरचार्ज भी ले सकते हैं।

नए नियमों के लाभ

नए जमीन रजिस्ट्री नियमों के फायदे स्पष्ट हैं:

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  • पारदर्शिता: पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम होती हैं।
  • सुरक्षा: बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग धोखाधड़ी को रोकती है।
  • कुशलता: प्रक्रिया तेजी से और आसान हो गई है।
  • लागत कम: ऑनलाइन प्रक्रिया से यात्रा और अन्य खर्चों में कमी आती है।
  • सुविधा: अधिकांश प्रक्रिया घर बैठे पूरी की जा सकती है।

डिजिटल रजिस्ट्री के चुनौतियां

हालांकि नई प्रणाली से कई लाभ हुए हैं, कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  • डिजिटल साक्षरता: सभी लोग डिजिटल में साक्षर नहीं हैं और उन्हें मदद की आवश्यकता हो सकती है।
  • इंटरनेट पहुंच: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच सीमित हो सकती है।
  • तकनीकी समस्याएं: सिस्टम में तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सरकार द्वारा विभिन्न उपायों जैसे डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों और सामुदायिक सहायता केंद्रों की स्थापना की जा रही है।

निष्कर्ष

भारत में जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों ने इस प्रक्रिया को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। डिजिटलीकरण के लाभ, ऑनलाइन भुगतान, और रजिस्ट्री कैंसिलेशन की सरल प्रक्रिया ने इसे अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बना दिया है। हालांकि, चुनौतियों का समाधान भी आवश्यक है ताकि सभी नागरिक इस प्रणाली का लाभ उठा सकें। शहरी और ग्रामीण प्रवासियों को इस नई प्रणाली के लाभों का अनुभव कराने के लिए सरकार के कदम सराहनीय हैं। इससे न केवल संपत्ति के लेन-देन में आसानी होगी, बल्कि संबंधित पक्षों के मध्य विश्वास भी बढ़ेगा।

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